जोड़ों में दर्द के कारण लक्षण बचाव व उपचार
जोड़ों में दर्द के कारण लक्षण बचाव व उपचार
आज के समय में ऐसा कोई भी इंसान नहीं होगा जिसको कोई ना कोई परेशानी या कोई बीमारी ना हो क्योंकि आज कल की तेजी से बदलते खानपान और भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने शरीर के ऊपर इतना ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते जिन से हमारे शरीर में समय-समय पर कोई ना कोई परेशानियां होती रहती है और इसी तरह से हमारे जोड़ों में दर्द होना भी आम बात है और आप सभी के जोड़ में भी कभी दर्द जरूर हुआ होगा
लेकिन कई बार यह समस्या लगभग शरीर के सभी जोड़ों तक फैल जाती है जिससे रोगी को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो इस ब्लॉग में हम जोड़ों के दर्द के बारे में ही विस्तार से बातें करने वाले हैं इस ब्लॉग में हम जोड़ों के दर्द उत्पन्न होने के कारण, लक्षण बचाव और इसके उपचार आदि के बारे में बात करेंगे.
जोड़ों के दर्द
वैसे तो हमारे शरीर के जोड़ों में कभी कभार दर्द होना आम बात होती है लेकिन कई लोगों के घुटनों, कमर,कोहनी आदि के जोड़ों में लगातार दर्द होने लगता है जिससे रोगी बिल्कुल परेशान हो जाता है और उसको चलने फिरने उठने बैठने और काम करने में बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है घुटनों के दर्द से लगभग हर कोई परेशान रहता है
लेकिन आप इस समस्या के शुरुआत में इसको हल्के में ले लेते हैं तो यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ती जाती है यह समस्या रोगी को इतना लाचार बना देती है कि वह उठकर पानी भी नहीं पी पाता इस बीमारी को आर्थराइटिस और संधि शोथ आदि के नाम से भी जाना जाता है जब किसी रोगी के जोड़ों में दर्द होता है तब यह दर्द तेज हल्का व ज्वलनशील हो सकता है
कारण
अगर जोड़ों के दर्द के कारणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या का कारण रोगी के किस जोड़ पर दर्द हो रहा है उसके ऊपर निर्भर करता है क्योंकि हमारे शरीर में बहुत सारे जोड़ होते हैं उन सभी जोड़ों में दर्द होने के अलग-अलग कारण होते हैं लेकिन जोड़ों के दर्द कुछ ऐसे मुख्य कारण होते हैं जो कि हमारे शरीर के लगभग सभी जोड़ों के दर्द का कारण बनते हैं जैसे
हमारे शरीर के जोड़ों में दर्द होने के पीछे कई बड़ी बीमारियों का भी हाथ हो सकता है जैसे रोगी को गठिया रोग होना रोगी में कैल्शियम की कमी होना आदि इसके अलावा रोगी के शरीर के घुटनों पर दबाव पड़ने से सूजन उत्पन्न होना,रोगी की आयु का बढ़ना, रोगी के शरीर का भार बढ़ना, रोगी का लंबे समय तक दवाइयों का सेवन करना, रोगी का ज्यादा शराब, बीड़ी, सिगरेट आदि का सेवन करना, रोगी के शरीर के ऊपर गहरी चोट लगना,
रोगी के शरीर के जोड़ों में अकड़न उत्पन्न होना, रोगी का किसी ऐसी बीमारी से ग्रस्त होना जिससे रोगी को चलने फिरने में परेशानी हो और रोगी को थायराइड के विकार होना, रोगी को तक खून से संबंधित बीमारियां होना, महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी होना, रोगी के जोड़ों का हिलना, रोगी के शरीर की मांसपेशियां व हड्डियां कमजोर होना, रोगी का ज्यादा तले भुने हुए भोजन का सेवन करना, रोगी को सही पोषक तत्व मिलना, रोगी का कुपोषण का शिकार होना, रोगी के आदि इस समस्या के मुख्य कारण होते हैं
लक्षण
अगर जोड़ों के दर्द के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या के उत्पन्न होने पर रोगी में कई लक्षण दिखाई देते हैं जैसे जोड़ों में दर्द होना, रोगी को शुरुआत में हल्का दर्द होना, रोग के जोड़ों में जलन होना, रोगी के जोड़ लाल होना, रोगी के जोड़ों में सूजन आना, रोगी के शरीर की मांसपेशियां में जकड़न होना, रोगी के जोड़ों में आवाज आना, रोगी को उठने बैठने पर दर्द होना, रोगी को चलने फिरने में परेशानी होना, रोगी के शरीर में कमजोरी आना, रोगी को ठंड में ज्यादा परेशानी होना, रोगी को वजन उठाते समय परेशानी होना, रोगी के शरीर में अन्य बीमारियां उत्पन्न होने लगना, रोगी के शरीर का ढांचा बिगड़ जाना, रोगी की चाल ढाल में बदलाव आना आदि इसके मुख्य लक्षण होते हैं
बचाव
- रोगी को हर रोज सुबह सुबह व्यायाम करने चाहिए
- रोगी को हर रोज साइकलिंग वह जोगिंग आदि करनी चाहिए
- रोगी को तले भुने हुए खाने से परहेज करना चाहिए
- रोगी को अपने शरीर के जोड़ों के ऊपर ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहिए
- रोगी को समय-समय पर अपने शरीर के जोड़ों की जांच करवाते रहना चाहिए
- आपको शराब बीड़ी सिगरेट तंबाकू आदि से परहेज करना चाहिए
- रोगी को अपने जोड़ों को संक्रमण आदि से बचा कर बताना चाहिए
- रोगी को अपने शरीर के वजन को नियंत्रण में रखना चाहिए
- रोगी को ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों फ्रूट आदि का सेवन करना चाहिए
- रोगी को ज्यादा से ज्यादा विटामिन डी और कैल्शियम युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए
- रोगी को चोट लगने पर तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए
- रोगी को कोल्ड ड्रिंक पेप्सी ड्रिंक आदि से परहेज करना चाहिए
उपचार
- रोगी को मछली या मछली के तेल का सेवन करना चाहिए यह आपके जोड़ों में दर्द व सूजन से राहत प्रदान करता है
- रोगी को जैतून के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए यह भी आप के दर्द को कम करने में मदद करता है
- रोगी को हल्दी का सेवन करना चाहिए
- रोगी को ज्यादा से ज्यादा ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए
- रोगी को ब्रोकली की सब्जी का सेवन करना चाहिए यह आपके शरीर के जोड़ों को मजबूत बनाने में सक्षम होती है
- रोगी को ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जी जैसे शिमला मिर्च गोभी प्याज अदरक आदि का सेवन करना चाहिए
- रोगी को मशरूम अनानास की भी व पपीते जैसी फलों का सेवन करना चाहिए
- रोगी को ज्यादा से ज्यादा दूध व दूध से बने हुए पदार्थों का सेवन करना चाहिए क्योंकि इनमें उचित मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है
- रोगी को सर्जिकल थेरेपी लेनी चाहिए इससे आपके दोनों जोड़ों को दर्द से राहत मिलती है
- रोगी को ठंडी व गर्म थेरेपी फॉर्मेंटेशन लेनी चाहिए यह भी आपके जोड़ों के लिए लाभकारी लाभदायक होती है
रोगी को लेकिन फिर भी अगर आपके शरीर के जोड़ों में दर्द होने लगता है तब आपको तुरंत डॉक्टर से टेस्ट करवाने चाहिए और किसी अच्छे डॉक्टर से दवाइयां लेनी चाहिए क्योंकि अगर आपके शरीर में एक बार किसी जोड़ में दर्द होने लगता है तब वह बिना इलाज के आपका पीछा नहीं छोड़ता और धीरे-धीरे दूसरे जोड़ो तक फैलने लगता है
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