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गर्भपात क्या है इसके कारण लक्षण बचाव व उपचार

गर्भपात क्या है इसके कारण लक्षण बचाव व उपचार

महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान बहुत सारे रोग होने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि गर्भावस्था के समय महिलाओं में बहुत सारे बदलाव आते हैं और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बहुत सारी चीजों से सावधानियां रखनी भी होती है लेकिन कई बार आपने सुना होगा कि गर्भावस्था के समय महिलाओं में गर्भपात हो जाता है

जो कि एक बहुत बड़ी समस्या है इससे महिला को शारीरिक परेशानी का सामना तो करना पड़ता ही है इसके साथ ही उसको सामाजिक और मानसिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है तो इस ब्लॉग में हम गर्भपात के बारे में ही बात करने वाले हैं इस ब्लॉग में हम गर्भपात होने के कारण, लक्षण, बचाव व के उपचार आदि के बारे में बात करेंगे

गर्भपात

गर्भपात होना एक अलग समस्या है जबकि गर्भपात करवाना एक अलग समस्या है बहुत सारे लोग गर्भावस्था के दौरान ही अल्ट्रासाउंड के जरिए यह पता लगा लेते हैं कि महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की और फिर बहुत सारे लोग गर्भपात करवाते हैं जो कि एक बहुत बुरी मानसिकता है लेकिन कई बार कई महिलाओं में अपने आप गर्भपात हो जाता है जो कि एक अलग परेशानी है

और इससे महिला अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को खो देती है जिससे उसको शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की पीड़ा का सामना करना पड़ता है जब किसी महिला के गर्भ में बच्चा पल रहा होता है

और 27 सप्ताह से पहले उसकी मृत्यु हो जाए तब इस को गर्भपात कहा जाता है और गर्भपात होने की कई अवस्थाएं होती है कई महिलाओं में 12 सप्ताह से पहले गर्भपात होता है जबकि कई महिलाओं में 12 सप्ताह के बाद गर्भपात होता है

गर्भपात के कारण

Cause to abortion in Hindi – जब भी हमारी शरीर में किसी भी तरह की कोई परेशानी आती है तब उसके पीछे कोई ना कोई कारण जरूर होता है तो इसी तरह से महिलाओं के गर्भपात होने के पीछे भी बहुत सारे कारण हो सकते हैं जैसे पहली तिमाही में बच्चों का पूर्ण विकास रुक जाना, महिला का किसी दवाइयां औषधि का लगातार सेवन करना,

महिला का ज्यादा चिंता बेचैनी व मानसिक परेशानी ग्रस्त रहना, हारमोंस की कमी होना महिला,गर्भ में अन्य रोग उत्पन्न होना, महिला की उमर कम होना, महिला का शारीरिक रूप से तैयार होना, शुक्राणुओं में त्रुटि होना, महिला में मधुमेह, डायबिटीज,

कैंसर जैसे रोग होना, महिला के गर्भ में किसी प्रकार का संक्रमण व इन्फेक्शन होना, महिला में कुपोषण होना, महिला को पूर्ण आहार न मिल पाना, किसी नशीली वस्तु या ड्रग्स आदि का सेवन करना, महिला का शराब व तंबाकू आदि का सेवन करना,

महिला के पेट पर चोट लगना, महिला को शारीरिक आघात होना आदि इस समस्या के मुख्य कारण होते हैं इसके अलावा भी इस समस्या के पीछे कई और कारण हो सकते हैं

गर्भपात के लक्षण

Symptoms of miscarriage in Hindi – बहुत सारे लोग अल्ट्रासाउंड के जरिए बच्चे का लिंग पता करने के बाद महिला को गर्भपात करने के लिए कहते हैं और कई महिलाओं में अपने आप गर्भपात हो जाता है

लेकिन जो भी हो गर्भपात करवाना या अपने आप गर्भपात होना इन दोनों में ही महिलाओं की जान को खतरा होता है इसलिए गर्भावस्था के समय में महिला को बहुत सारी सावधानियां रखनी होती है

जिससे अगर इस समस्या के जरा सी भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए गर्भावस्था के कई लक्षण होते हैं जैसे पेट में अचानक तेज दर्द होना, महिलाओं को तेज बुखार होना, महिला को बार बार चक्कर आना,

महिला का बेहोश होना, महिला की योनि से रक्त स्त्राव होना, महिला की योनि में दुर्गंध युक्त स्त्राव निकलना, महिला के उठने बैठने में तेज दर्द होना आदि इस समस्या के लक्षण होते हैं

गर्भपात  के दौरान  क्या करें

What to do during miscarriage in Hindi – गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बहुत सारी बातों का ध्यान रखना होता है क्योंकि गर्भपात की समस्या पिछले कुछ सालों से बहुत तेजी से बढ़ रही है इसलिए और इस समस्या में महिला को अपने बच्चे के साथ साथ अपनी जान का भी खतरा रहता है इसलिए गर्भावस्था के दौरान कई बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है जैसे

  • महिला को संपूर्ण आहार देना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा कच्ची सब्जियां और फल आदि का सेवन करना चाहिए
  • महिला को ज्यादा से ज्यादा साबुत अनाज दाल वह मेवे आदि का सेवन करना चाहिए क्योंकि इनमें आपको सभी तरह के विटामिन कैलोरीज कार्बोहाइड्रेट्स प्रोटीन आदि मिलते हैं जो कि आपके बच्चे के लिए बहुत जरूरी होते हैं
  • महिला को ज्यादा ही ज्यादा ब्राउन राइस, साबुत अनाज, ज्वार, बाजरा और पास्ता आदि का सेवन करना चाहिए
  • महिला को जिमीकंद, शकरकंदी, अरबी, कच्चा केला और आलू आदि का सेवन करना चाहिए
  • महिला को वसायुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जैसे चिकन, मछली, अंडे, दाल आदि
  • महिला को हर रोज सुबह दही, लस्सी और पनीर आदि का सेवन करना चाहिए और रात को सोते समय एक गिलास दूध पीना चाहिए
  • महिला को मिक्स सब्जी का सेवन करना चाहिए
  • महिला को हर रोज गाजर, मूली, पालक, मेथी और सरसों के साग आदि का सेवन करना चाहिए यह आपके शरीर में खून की कमी को पूरा करते हैं
  • महिला को हर दूसरे सप्ताह गांव की आशा वर्कर से मिलना चाहिए या हॉस्पिटल और डिस्पेंसरी आदि में अपने टेस्ट आदि करवाते रहना चाहिए
  • महिला को गर्भावस्था के दौरान संभोग डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए

क्या न करें

  • महिला को ऊंची नीची जगह पर जाने से बचना चाहिए
  • महिला को बासी व तले हुए भोजन से परहेज करना चाहिए
  • महिला को दूषित भोजन व दूषित पानी का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए
  • महिला को अपने सिर पर वजन नहीं उठाना चाहिए
  • महिला को शराब बीड़ी सिगरेट तंबाकू आदि का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए
  • महिला को गर्भावस्था के दौरान अपने शिशु को पूर्ण आहार देने की कोशिश करनी चाहिए
  • महिला को गर्भावस्था के दौरान ज्यादा एलोपैथिक दवाएं व आयुर्वेदिक औषधियों आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
  • महिला को गर्भावस्था के दौरान भागने दौड़ने आदि से परहेज करना चाहिए
  • महिला को खाना खाने के तुरंत बाद सोना नहीं चाहिए
  • महिला को डॉक्टर की सलाह के बिना खाना पीना और संभोग नहीं करना चाहिए

 

किन फिर भी अगर किसी महिला को गर्भावस्था के दौरान कोई भी परेशानी आती है तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और अपने टेस्ट आदि करवाने चाहिए क्योंकि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बहुत ज्यादा सावधानियां बरतनी होती है इसलिए इन समस्याओं को हल्के में नहीं लेना चाहिए

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