Tips

कुष्ठ रोग क्या है इसके लक्षण कारण बचाव व उपचार

कुष्ठ रोग क्या है इसके लक्षण कारण बचाव व उपचार

जिस तरह से हमारे शरीर में अनेक बीमारियां उत्पन्न होती है उसी तरह से हमारी त्वचा से जुड़ी हुई भी बहुत सारी बीमारियां होती है जो कि हमारी त्वचा के अलग-अलग हिस्सों पर होती है और यह हमें शरीर के अंदर होने वाली बीमारियों के मुकाबले में ज्यादा परेशानियां देती है तो आज किस ब्लॉग में हम इसी तरह की एक रोग कुष्ठ रोग के बारे में बात करने वाले हैं.

जो कि पिछले कुछ दिनों से बहुत तेजी से फैल रहा है इस ब्लॉग में हम आपको कुष्ठ रोग होने के कारण लक्षण बचाव व इसके उपचार के तरीकों के बारे में बताएंगे.

कुष्ठ रोग क्या है

What is leprosy in Hindi – सबसे पहले आपको कुष्ठ रोग के बारे में पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है कुष्ठ रोग कोई नई बीमारी नहीं है बल्कि यह प्राचीन समय से चली आ रही एक बहुत पुरानी बीमारी है जिसके कारण रोगी की त्वचा के ऊपर इंफेक्शन होने लगते हैं और यह इंफेक्शन हमारे शरीर के हाथ-पैर, नाक आदि की त्वचा पर ज्यादा होते हैं

इनसे रोगी की मांसपेशियां बिल्कुल कमजोर हो जाती है और इनके ऊपर खुजली करने से इनमें घाव हो जाते हैं यह बीमारी माइक्रोबैक्टेरियम लिप्रि नामक बैक्टीरिया द्वारा फैलता है यह बैक्टीरिया एक ऐसा बैक्टीरिया होता है जो कि बहुत लंबे समय तक जीवित रहता है और इसका संक्रमण लगातार बढ़ते रहता है

वैसे यह संक्रमण दूसरे संक्रामक रोगों के मुकाबले में कम फैलता है और इसको ठीक भी किया जा सकता है और भारत और चीन में यह रोग बहुत समय से फैला हुआ है और भारत के कई इलाकों में यह रोग होना आम बात है और इसकी रोकथाम के लिए समय-समय पर अनेक अभियान भी चलाए जाते हैं

क्योंकि इस बीमारी को लेकर सदियों से गलत धारणाएं फैली हुई है कई लोग इसको छुआछूत की बीमारी समझते हैं यह रोग आपके छोटे बच्चों से लेकर बड़े बूढ़ों में किसी में भी हो सकता है

इस रोग के उत्पन्न होने का कोई समय और कोई अवधी नहीं होती अगर आप इस रोग के शुरुआती लक्षणों को पहचान लेते हैं और तुरंत डॉक्टर से इलाज शुरु करवा देते हैं तो इस रोग से आप जल्दी छुटकारा भी पा सकते हैं

कुष्ठ रोग के कारण

Cause to leprosy in Hindi – वैसे तो इस रोग के फैलने के कारणों के बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन कुछ रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी बात निकल कर सामने आई है कि इस रोग के फैलने का मुख्य कारण किसी कुष्ठ रोग से ग्रस्त व्यक्ति के दवारा छींकना या खासना होता है

जिससे उसके मुंह से कुष्ठ रोग के बैक्टीरिया निकलते हैं और फिर इन बैक्टीरिया के संपर्क में आने वाला स्वस्थ व्यक्ति भी इन बैक्टीरिया के कारण कुष्ठ रोग की चपेट में आ जाता है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि इस रोग के रोगी से हाथ मिलाना, गले लगना,

आमने सामने बैठना या साथ खाने पीने से यह रोग फैलता हो क्योंकि हमारे समाज में इस रोग को छुआ छूत की बीमारी समझा जाता है जो कि एक बहुत ही गलत धारणा है हालांकि कुष्ठ रोग लंबे समय तक किसी रोगी के पास रहना, उसके कपड़े आदि का इस्तेमाल करना, ज्यादा भीड़ वाले क्षेत्र में रहना,

संक्रमित रोगी के साथ लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाना, कुपोषण का शिकार होना, गंदे पानी का सेवन करना, गंदे पानी से स्नान करना, जैसे नदी, नहर, तालाब, जोहड़, गंदगी वाले क्षेत्र में काम करना यह कुछ ऐसे कारण होते हैं जिनसे यह रोग फैल सकता है

कुष्ठ रोग के लक्षण

Symptoms of leprosy in Hindi – अगर कुष्ठ रोग के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो इस रोग के होने पर रोगी में कई लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे रोगी को सुन्न रहना, रोगी को गर्मी सर्दी का अनुभव न होना, रोगी को स्पर्श महसूस न होना, रोगी के जोड़ों में दर्द रहना, रोगी की त्वचा पर दबाव डालने पर कोई भी हरकत महसूस ना होना, रोगी की मांसपेशियां कमजोर होना,

रोगी का वजन कम होना, रोगी की त्वचा पर धब्बे फोड़े फुंसी व घाव होना, रोगी के शरीर पर पीले रंग के धब्बे होना,रोगी की त्वचा मोटी होना रोगी की त्वचा में गांठे बन्ना रोगी के शरीर पर मच्छर मक्खी आदि बैठने उठने की घटना महसूस न होना, रोगी की आंख कमजोर होना, रोगी को दिखाई कम देना,

रोगी के बाल झड़ना, रोगी का चेहरा बिगड़ना, रोगी को हाथ पैरों में सुन्न रहना, रोगी के शरीर पर छोटी-छोटी घटनाएं महसूस न होना आदि इस समस्या के कई प्रकार के लक्षण होते हैं

कुष्ठ रोग के बचाव Prevention of leprosy in Hindi –

  • अगर आपके परिवार में किसी को कुष्ठ रोग है तो लंबे समय तक उसके संपर्क में नहीं रहना चाहिए
  • आपको रोगी की चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जैसे तोलिया, चद्दर, बिस्तर कपड़े आदि
  • आपको रोगी के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए
  • आपको रोगी के साथ सोना नहीं चाहिए
  • आपको अपने बच्चों को बीसीजी का टीका लगाना चाहिए क्योंकि यही एकमात्र टिका है जो कि आपको इस रोग से कुछ हद तक बचा सकता है
  • आपको कुष्ठ रोगी के द्वारा इस्तेमाल किए गए बाथरूम, कुर्सी, बेड आदि को समय-समय पर साफ करते रहना चाहिए
  • आपको भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में जाने से बचना चाहिए
  • आपको साफ व स्वस्थ पानी का सेवन करना चाहिए और साफ पानी से ही स्नान करना चाहिए
  • आपको लंबे समय तक एक ही कपड़े नहीं पहनने चाहिए
  • आपको मिर्च मसालेदार तले हुए भोजन वह ज्यादा उत्तेजक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • आपको बीड़ी सिगरेट तंबाकू पान खैनी गुटखा वह शराब आदि से परहेज करने चाहिए

कुष्ठ रोग का उपचार Treatment of leprosy in Hindi –

ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि इस रोग का उपचार उपलब्ध नहीं है क्योंकि अगर हम इस समस्या के शुरुआती लक्षणों को पहचान लेते हैं जैसे रोगी की त्वचा मोटी होना, रोगी की तथा सुन्न रहना, रोगी के हाथ पैरों में सुन्न रहना या रोगी की त्वचा में गांठे या घाव बनना आदि दिखाई देते हैं तब आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और आपको टेस्ट करवाने चाहिए

डॉक्टर आपकी त्वचा के घाव या त्वचा की सैंपलिंग के द्वारा यह पता लगाते हैं कि आपको कुष्ठ रोग है या नहीं है इसके लिए आपकी त्वचा के कुछ घाव के सैंपल को लेबोरेटरी में भेजा जाता है फिर उस रिपोर्ट के आधार पर ही आप का इलाज किया जाता है आप इस समस्या का तुरंत इलाज शुरु करवा देते हैं तब इससे आप छुटकारा भी पा सकते हैं

लेकिन फिर भी अगर आपके शरीर पर कुष्ठ रोग के लक्षण दिखाई देते हैं और आपको यह रोग हो जाता है तब आपको जल्दी से जल्दी डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि यह एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है और यह संक्रमण बढ़ता रहता है इसलिए इसके ऊपर नियंत्रण पाना बहुत जरूरी है

कुष्ठ रोग में क्या खाना चाहिए कुष्ठ रोग के प्राथमिक उपचार कुष्ठ रोग का आयुर्वेदिक इलाज कुष्ठ रोग से बचने के उपाय पतंजलि में कुष्ठ रोग का इलाज कोड रोग क्या है कुष्ठ रोग किस कारण होता है सुनबहरी रोग का इलाज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button