करवा चौथ का व्रत क्या है यह कैसे रखा जाता है

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करवा चौथ का व्रत क्या है यह कैसे रखा जाता है

भारत एक बहुत बड़ा देश है और भारत में अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं लेकिन भारत में ज्यादातर जनसंख्या हिंदू धर्म के लोगों की है इसीलिए भारत में हर साल हिंदू धर्म के बहुत सारे अलग-अलग और बड़े-बड़े त्योहारों को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है वह इन सभी त्योहारों रौनक सोनक भारत के हर कोने में देखने को मिलती है और भारतीय लोगों की आशाएं और भावनाएं बहुत ही मजबूत होती है भारतीय लोग अपनी आशा और भावनाओं को किसी भी चीज के साथ आसानी से जोड़ सकते हैं इसीलिए भारतीय लोग दूसरे देशों के लोगों के मुकाबले में अधिक ज्यादा भगवान पर विश्वास भी करते हैं हिंदू धर्म में लोग भगवान की बहुत ही धूमधाम से पूजा अर्चना करते हैं वह अलग-अलग जगहों पर मंदिर में जाकर अपनी मनोकामना मांगते हैं लेकिन हिंदू धर्म में व्रत रखने की भी एक बहुत ही अनोखी परंपरा है यह परंपरा बहुत सालों से चली आ रही है.

हिंदू धर्म में हर साल बहुत सारे अवसरों पर अलग-अलग तरीके से व्रत भी रखा जाता है जिसमें कई महिलाएं किसी भगवान के लिए व्रत रखती है तो कई महिलाएं अपने पति, बच्चों व अपने परिवार के लिए व्रत रखती हैं व्रत रखना भारतीय संस्कृति का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग माना जाता है ऐसा बहुत सालों से होता आ रहा है तो हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत भी एक ऐसा ही व्रत होता है जो कि शादीशुदा महिलाएं रखती है यह व्रत एक बहुत ही अनोखे तरीके से रखा जाता है आप में से बहुत सारी महिलाएं ऐसी होगी जो कि इस व्रत को रखती होगी और आप में से बहुत सारे लोग ऐसे होंगे जो कि करवा चौथ के व्रत के बारे में जानते हैं लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो कि इस व्रत के बारे में इतना ज्यादा विस्तार से नहीं जानते तो इस ब्लॉग में हम आपको करवा चौथ के व्रत के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से देने वाले हैं इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि करवा चौथ का व्रत कब कैसे और क्यों रखा जाता है.

करवा चौथ का व्रत

वैसे तो हिंदू धर्म में महिलाएं और पुरुष हर साल बहुत सारे अलग-अलग व्रत रखती हैं जिनमें से ज्यादातर व्रत महिलाएं ही रखती है और इनमें से लगभग सभी महिलाएं शादीशुदा होती हैं और सभी महिलाएं भगवान के लिए उपवास रखती है जिनके साथ उनकी कुछ मनोकामनाएं पूर्ण होने और कुछ भावनाएं जुड़ी हुई होती है करवा चौथ का व्रत भी एक ऐसा ही व्रत है जो कि शादीशुदा है शादीशुदा महिलाएं रखती है यह व्रत एक बहुत ही अनोखा व्रत होता है इस वर्ष के आने से दो-तीन दिन पहले ही महिलाएं इस व्रत को लेकर तैयारियां शुरू कर देती है.

बहुत सारी जगहों पर इस व्रत को बहुत ही धूमधाम से एक कार्यक्रम की तरह आयोजन करके रखा जाता है लेकिन ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में इस व्रत को एक भावना व आशा के तौर पर रखा जाता है क्योंकि जैसा कि हमने आपको पहले बताया भारतीय लोग भगवान के प्रति अपनी आशाएं व भावनाएं ज्यादा रखते हैं और भारतीय लोगों की भावनाएं किसी भी चीज के साथ आसानी से जुड़ सकती है इसीलिए बहुत सारी जगहों पर ऐसी पूजा-अर्चना होती है जो कि दूसरे धर्म के लोग विश्वास भी नहीं कर पाते यह भारतीय लोगों की आशाएं और आस्था के साथ जुड़ी हुई होती है

करवा चौथ का व्रत कैसे रखा जाता है

हिंदू धर्म में जितने भी व्रत रखे जाते हैं उन सभी व्रत को रखने का अलग अलग तरीका व अलग अलग मकसद होता है करवा चौथ के व्रत को भी अलग तरीके से रखा जाता है करवा चौथ के व्रत को महिलाएं सुबह से लेकर रात तक कुछ भी नहीं खाती और पूरा दिन उपवास रखती है इसको व्रत को सुबह सूरज सूर्योदय से पहले रखना शुरू किया जाता है और यह रात के समय चंद्रमा के दर्शन के बाद संपूर्ण माना जाता है इसके बीच के समय में पूरा दिन महिलाएं भूखे पेट रहती है यानी महिलाएं कुछ भी खाने पीने की चीज नहीं खाना कि इस व्रत के दौरान महिलाओं का कुछ एक सीमित समय होता है जिनमें महिलाएं चाय पानी फल फ्रूट खा सकती है और यह व्रत ज्यादातर शादीशुदा महिलाएं रखती है लेकिन आजकल के बदलते युग में कुंवारी लड़कियां भी व्रत रख रही है.

करवा चौथ के व्रत के दिन भगवान श्री गणेश और माता चतुर्थी की पूजा अर्चना की जाती है यह पूजा अर्चना व्रत रखने वाली महिलाएं लगभग दोपहर के समय 11:00 बजे के आसपास करती है और पूजा-अर्चना होने के बाद ही महिलाएं चाय पानी में फल फ्रूट आदि खाती है लेकिन इस व्रत को रखते समय महिलाएं किसी भी तरह की अनाज व अनाज से बने हुए खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करती अगर कोई महिला गलती से ऐसा कर लेती है या कोई महिला जानबूझकर किसी अनाज की बनी हुई चीज़ का सेवन करती है तब यह व्रत झूठा माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि ऐसी करने वाली महिलाएं पापी होती है.

करवा चौथ के व्रत के मौके पर महिलाएं सुबह उठकर स्नान करती है वह सभी महिलाएं सज धज कर रहती है और नए कपड़े व साड़ियां पहनकर पूरा सिंगार करती है उसके बाद ही माता चतुर्थी और भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना की जाती है कई जगह पर करवा चौथ के मौके पर अलग-अलग मेले व अलग-अलग कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है और बहुत सारी महिलाएं करवा चौथ के व्रत के मौके पर अलग-अलग प्रकार के डांस व लोक नृत्य और संगीत आदि भी करती है.

करवा चौथ व्रत क्यों रखा जाता है

जब भी कोई महिला किसी भी प्रकार का व्रत रखती है तब उसके पीछे कोई ना कोई मनोकामना जरूर मांगी जाती है और इसी तरह से करवा चौथ के व्रत के पीछे भी सभी महिलाओं का एक ही लक्ष्य होता है ऐसा माना जाता है कि करवा चौथ के व्रत को महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती है जो महिलाएं इस व्रत को बहुत ही अच्छे तरीके से रखी है वह हर साल इस व्रत को रखती है उनके पति की आयु लंबी होती है और उनके पति हमेशा सुखी रहते हैं क्योंकि आप सभी को पता हुआ कि हिंदू धर्म में पति को परमेश्वर का दर्जा दिया गया है.

यानी ऐसा माना जाता है कि महिलाओं को हमेशा अपने पति की सेवा व रक्षा करनी चाहिए और महिलाएं अपने पति की रक्षा के लिए इस करवा चौथ के व्रत रखती हैं आजकल की लड़कियां भी इस व्रत को रखती है ताकि भविष्य में  अच्छा पति मिले जो कि उनको हमेशा खुश रख सके और उसको किसी भी प्रकार का दुख दर्द रोग ना हो करवा चौथ का व्रत भारत के हरियाणा पंजाब राजस्थान यूपी और दिल्ली जैसे राज्यों में तो बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है यह व्रत किसी त्योहार से कम नहीं होता.

करवा चौथ व्रत कब रखा जाता है

वैसे तो महिलाओं की अपनी पति की लंबी उम्र के लिए इस प्रकार के व्रत को रखने की परंपरा भारत में बहुत सालों से चली आ रही है वह हर साल महिलाएं कई अलग-अलग व्रत रखती हैं लेकिन भारतीय कैलेंडर के अनुसार करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन रखा जाता है और यह व्रत दशहरे और दिवाली के आसपास आता है.

लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी होती है जिनकी अलग-अलग मनोकामनाएं होती है वह महिलाएं अपने अपनी अपनी मनोकामना व आशाओं के लिए हर महीने की चतुर्थी को इस व्रत को रखती है और कुछ महिलाएं ऐसी होती है जो कि साल में 2 या 4 बार इस व्रत को रखती है उनके पीछे उन महिलाओं की अलग-अलग सोच अलग-अलग भावनाएं होती है लेकिन करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह की चतुर्थी के दिन ही होता है.

लक्ष्य

वैसे तो करवा चौथ के व्रत को रखने का कोई लक्ष्य नहीं होता लेकिन महिलाओं की तरफ देखे तो इस व्रत का एक बहुत ही बड़ा महत्व होता है क्योंकि महिलाएं इस वर्ग को अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती है और यह वक्त भारत में बहुत ही महत्वपूर्ण मान जाता है इस व्रत को महिलाएं भारत में बहुत सालों से रखती आ रही है और इस व्रत के मौके पर माता चतुर्थी दे भगवान श्री गणेश की भी पूजा-अर्चना होती है और इस व्रत के प्रति महिलाओं की अलग-अलग भावनाएं जुड़ी हुई होती है और इस व्रत को लेकर इतिहास के साथ भी अलग-अलग कई तथ्य जुड़े हुए हैं और इस व्रत के बारे में कई अलग-अलग कहानियां पुस्तकों में भी लिखी हुई है

लेकिन करवा चौथ के व्रत के अलावा भी भारत में बहुत सारे और अलग-अलग व्रतों को रखा जाता है जिनके प्रति भारतीय महिलाओं की अलग अलग भावनाएं अलग अलग आस्थाये होती है सभी व्रत में महिलाएं सुबह से लेकर शाम तक उपवास रखती है लेकिन जितने भी व्रत रखे जाते हैं उन सभी को अलग-अलग तरीके रखा जाता है और सभी व्रतों में अलग-अलग भगवान की पूजा अर्चना होती है

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताई गई करवा चौथ के व्रत के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई और आप ऐसी ही और जानकारियां पाना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें

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