सामान्य ज्ञान

हीलियम की खोज किसने की और कब की

हीलियम की खोज किसने की और कब की

हीलियम एक रासायनिक तत्त्व है और यह वातवरण में गैसीय अवस्था में पाई जाती है  और यह एक  रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन, गैस है जो बिलकुल एक निष्क्रिय गैस  है  अभी तक ब्रह्माण्ड में जितने तत्व पाए गए हैं उनमें से सबसे कम क्वथनांक और हिमांक हीलियम का ही है यानी यह सबसे कम तापमान पर उबलती और ठोस बनती है.

इसलिए द्रव हिलियम का प्रयोग पदार्थों को अत्यन्त कम ताप तक ठण्डा करने के लिये किया जाता है सबसे हल्के तत्वों में हीलियम का  दूसरा नंबर है  और ब्रह्माण्ड में तत्वों की प्रचुरता के दृष्टिकोण से भी इसका स्थान दूसरा है और ब्रह्माण्ड में मौजूद सभी तत्वों का जो मिला-जुला द्रव्यमान है उसका 24 प्रतिशत भाग सिर्फ हीलियम का है और इसका  रासायनिक सूत्र He है.

और वैज्ञानिकों के कहने के अनुसार  ब्रह्माण्ड में उपस्थित अधिकांश हीलियम का निर्माण महाविस्फोट से होता है   और इसके अलावा भारी मात्रा में नई हीलियम का निर्माण विभिन्न तारों में हाइड्रोजन के परमाणुओं के आपस में  संलयन  के कारण हो रहा है और हाइड्रोजन के ज्वलनशील होने और वायु के साथ विस्फोटक मिश्रण बनने के कारण अब हीलियम का ही उपयोग हो रहा है और मौसम का पता लगाने के लिए बैलूनों में भी हीलियम का उपयोग हो रहा है।

हल्की धातुओं के जोड़ने और अन्य धातुकर्मसंबंधी उपचारों में निष्क्रिय वायुमंडल के लिए हीलियम काम में आ रहा है। औषधियों में भी विशेषत: दमे और अन्य श्वसन रोगों में आक्सीजन के साथ मिलाकर कृत्रिम श्वसन में हीलियम हाइड्रोजन उपयोग बढ़ रहा है ब्रह्माण्ड में हीलियम की यह प्रचुरता सूर्य तथा बृहस्पति ग्रह में हीलियम की प्रचुरता के लगभग बराबर है

हीलियम की खोज

सबसे पहले पियरे जैनसेन और नॉर्मन लॉकयर ने 18 अगस्त 1868  को हीलियम  को सूर्य के ग्रहण के अवसर पर सूर्य के वर्णमंडल के स्पेक्ट्रम में एक पीली रेखा  के रूप में देखी  थी पहले तो जूल्स जैंसन ने वर्णक्रम की इस पीली रेखा को सोडियम से उत्पन्न समझा  लेकिन यह  सोडियम की पीली रेखा से अलग थी.

इसलिए जानसेन ने इस रेखा का नाम डी3 रखा और सर जे. नार्मन लॉकयर इस परिणाम पर पहुँचे कि यह रेखा किसी ऐसे तत्व की है जो पृथ्वी पर नहीं पाया जाता और  उन्होंने ही हीलियम ग्रीक शब्द, शब्दार्थ सूर्य के नाम पर इसका नाम हीलियम रखा.

और सन 1868 ई. में सर विलियम रामजेम ने क्लीवाइट नामक खनिज से निकली गैस की परीक्षा से सिद्ध किया कि यह गैस पृथ्वी पर भी पाई जाती है जब क्लीवाइट को तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गरम करने और पीछे क्वीवाइट को निर्वात में गरम करने से इस गैस को प्राप्त किया था और उन्होंने देखा की इस गैस में 20 प्रतिशत नाइट्रोजन था

और  वायुमंडल में यह गैस  बड़ी  कम खनिजों में पाई  जाती है , कुछ अन्य खनिजों, जैसे बोगेराइट और मोनेजाइट से निकली गैसों में यह पाया गया मोनोज़ाइट के प्रति एक ग्राम में 1 घन सेमी गैस पाई जाती है और पेट्रोलियम कूपों से निकली प्राकृतिक गैस में इसकी मात्रा 1 प्रतिशत से लेकर 8 प्रतिशत तक पाई गई है

हीलियम के उपयोग

  • मौसम का पता लगाने के लिए बैलूनों में भी हीलियम का उपयोग किया जाता है
  • वायुपोतों  में हाइड्रोजन के स्थान में अब हीलियम का प्रयोग होता है  क्योकि  इसकी उत्थापक क्षमता 12.3 प्रतिशत ही है
  • हल्की धातुओं के जोड़ने और अन्य धातु संबंधी अन्य उपचारों में निष्क्रिय वायुमंडल के लिए हीलियम का उपयोग किया जाता
  • औषधियों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है और दमे और अन्य श्वसन रोगों में आक्सीजन के साथ मिलाकर कृत्रिम श्वसन में हीलियम का उपयोग किया जा  रहा है

यह भी देखें

इस पोस्ट में आपको हाइड्रोजन गैस हिलीयम गैस हीलियम गैस की खोज हीलियम गैस के उपयोग निष्क्रिय गैस सक्रिय गैस सबसे हल्की गैस कौन सी है के बारे में बताया गया है .यदि इसके बारे म  कुछ पूछना होतो कमेन्ट करे और जानकारी अच्छी लगे तो शेयर करना न भूले |

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